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हंसी, एंडॉरफिन और खुशी

हंसी, एंडॉरफिन और खुशी

‘ए डे विदाउट लाफ्टर इज ए डे वेस्टेड’, संसार के महान कॉमेडियन चार्ली चैपलिन की कही ये पंक्तियों का सन्दर्भ देते हुए डॉ रचना दुबे ने कहा कि हंसी लाख बीमारियों की दवा है। हंसने से हमारी सेहत तो सुधरती ही है, सूरत भी जैसे निखर सी जाती है। जिंदगी की उधेड़बुन और व्यस्तता में […]

किशोरावस्था है जीवन का नाजुक मोड़

किशोरावस्था है जीवन का नाजुक मोड़

रवि आज्ञाकारी, पढ़ाई में रुचि लेने वाला, माँ का आदर्श 15 वर्षीय बेटा, 10वी का छात्र है। आज बात-बात पर गुस्सा करता है। कहता है कि मुँह पर मुहांसे से चेहरा ख़राब हो गया है, स्कूल नहीं जाऊंगा। किशोरावस्था एक ऐसी संवेदनशील अवस्था है, जिसमें हार्मोनल चेंजेस के कारण शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और व्यव्हार सम्बन्धी […]

हमारे शरीर में है फ्रेंडली बैक्टीरिया

हमारे शरीर में है फ्रेंडली बैक्टीरिया

डॉ रचना दुबे ने जानकारी दी कि स्वास्थ्य के लिए बैक्टीरिया अच्छे होते हैं। ये सुनकर आश्चर्य जरूर होगा पर यह सच है। हम को नष्ट करने के लिए एंटीबॉयोटिक का प्रयोग करते हैं, क्योँकि आमतौर पर यह धारणा है कि बैक्टीरिया स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। हमारा शरीर विशेषकर आंतें बैक्टीरिया से भरी होती […]

ज्यादा नमक शरीर के लिए हानिकारक

ज्यादा नमक शरीर के लिए हानिकारक

डॉ रचना दुबे बताती हैं कि फूड एंड ड्रग एसोसिएशन (FDA) के अनुसार संतुलित आहार के लिए नमक एक छोटा चाय की चम्मच (5 ग्राम – 2000 मि.ग्रा. सोडियम) तक ही प्रतिदिन लेना चाहिए। WHO की रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादातर भारतीय 0.98 ग्राम यानि दोगुना से भी ज्यादा नमक का उपयोग कर रहे हैं। यूथ […]