पानी और कैल्शियम की कमी से भी होते हैं मसल क्रैम्प
डॉक्टर रचना दुबे ने बताया कि मसल क्रैम्प (मांसपेशियों की ऐंठन) एक बेहद आम समस्या है जिसे हर व्यक्ति कभी न कभी झेल चुका होता है। वैसे यह गंभीर समस्या नहीं है। मसल्स के जकड़ने से जो तीव्र दर्द होता है वह असहनीय होता है। शरीर की किसी भी मांसपेशी जैसे गर्दन, पीठ, पैर या कंधे में क्रैम्प हो सकता है पर ज्यादातर पैरों की मसल्स में क्रैम्प्स आते हैं।
• मुख्य कारण
• रक्त संचार में गड़बड़ी
• कसरत या खेलकूद के दौरान मांसपेशियों पर अधिक जोर पड़ना
• डीहाइड्रेशन (पानी की कमी)
• शरीर में सोडियम मैम्नीशियम या पोटेशियम की कमी
• गर्भवती महिलाओं में कैल्शियम की कमी
• नर्व कम्प्रेशन से भी पैरों में क्रैम्प हो सकता है।
• कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट के तौर पर भी मसल क्रैम्प हो सकते हैं।
सरल उपाय
इसमें स्ट्रेचिंग फायदेमंद रहेगी। इससे मांसपेशियों में रक्त का संचार व लचीलापन बढ़ता है।
दिन में कई बार गर्म भाप की सिकाई व मालिश करें।
शरीर में पानी की कमी न होने दें। डीहाइड्रेशन का मतलब केवल पानी की कमी नहीं बल्कि, इसमें खनिज जैसे सॉल्ट, पोटिशियम, कैल्शियम, मैग्नेशियम की कमी भी हो जाती है इसलिए बॉडी में इनकी मात्र संतुलित रखें।
मांसपेशियों व तंत्रिकाओं की कार्यक्षमता के लिए कैल्शियम जरुरी है इसीलिए डेरी उत्पाद जैसे दूध, पनीर और दही में तथा पोटेशियम के लिए 1 केला रोज खाएं।
मैग्नीशियम के लिये हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, मेवे, साबुत अनाज, दालें और मीट खाएं।
विटामिन ई युक्त आहार जैसे गेहूं की बाली, वनस्पति तेल, सूरज मुखी के बीज, मछली, अंडे की जर्वीं, मूंगफली, हेजलनट्स आदि लें।
विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और विटामिन भी इसमें लाभकायक है।
यदि जकड़न व दर्द बहुत अधिक हो, साधारण स्ट्रेचिंग से राहत न मिले, क्रैम्प लंबे समय तक बना रहे या बार-बार यह समस्या होती रहे, तो डॉक्टर की सलाह से थायरॉइड की जांच, किडनी फंक्शन टेस्ट और कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम व मेटाबॉलिक डिसऑर्डर की जांच कराएं।