सर्वाइकल कैंसर से बचें
52 वर्षीय पुष्पा 5 बच्चों की मां है। 8 वर्ष में ही उसका विवाह हो गया था। गरीबी के चलते जैसे-तैसे परिवार का गुजारा किया। कुछ दिनों से उसको असामान्य रक्तस्त्राव, व्हाइट डिस्चार्ज, पेडु का दर्द, पीरियड्स के बीच में स्पॉटिंग और संबंध बनाने के बाद ब्लीडिंग हो रही थी। डॉक्टरी जांच और बायोप्सी के बाद पता चला कि उसको सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय, ग्रीवा कैंसर) है। |
डॉ. रचना दुबे ने बताया कि विश्व में दस में से एक महिला सर्वाइकल कैंसर की शिकार होती है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार गर्भाशय कैंसर हर साल दुनिया में ढाई लाख और भारत में लगभग 74 हजार महिलाओं की मौत का कारण होता है। इसके कुछ रिस्क फैक्टर्स होते है जैसे 40 साल की आयु के बाद अथवा 17 साल से पहले विवाह, ज्यादा बच्चे होना, एक से ज्यादा सेक्सुअल पार्टनर, परिवार में सर्वाइकल कैंसर की हिस्ट्री, धुप्रपान और हयुमन पैपीलोमा वायरस (एच.पी.वी) इंफेक्शन होना।
डॉ. रचना दुबे ने सलाह दी कि 30 साल की उम्र के बाद महिलाओं को पैप स्मीयर टेस्ट जरूर कराना चाहिए। इसके जरिये सही समय पर सर्वाइकल कैंसर का पता लगाया जा सकता है। इसे एक से तीन साल के बीच में लगातार कराते रहना चाहिए। पैप स्मीयर टेस्ट में गर्भाशय के कुछ सेल्स को माइक्रोस्कोप में देखकर यह पता लगाया जाता है कि ये सेल्स कैंसरग्रस्त हैं या नहीं।
ज्यादातर सर्वाईकल कैंसर एचपीवी वायरस से होते हैं यदि एचपीवी वैक्सिन सही समय पर ले लिया जाये तो 70% सर्वाईकल कैंसर बचाये
जा सकते है। यह वैक्सिन जेनाइटल वर्ट्ज़ तथा सर्वाइकल, एनल, वजाइनल, वल्वर कैंसर से बचाती है। ये बैक्सिन 0, 1 और 6 माह में 3 डोज सिरिज में दी जाती है। इस कैंसर से बचाव का सर्वोत्कृष्ट तरीका बेटियों में 11 से 26 साल की उम्र तक ही दी जा सकती है, वह भी, सेक्सुअल एक्टिविटी शुरू होने से पहले क्योंकि एचपीवी
वैक्सीन राष्ट्रीय टीकाकरण प्रोग्राम में सम्मिलित नहीं है इसलिए इसे व्यक्तिगत रूप से डॉक्टर से संपर्क कर, लगवाया जा सकता है। ये बाजार में Cervarix, Gardasil के नाम से मिलती है।