इन पिल्स का अधिक उपयोग हो सकता है नुकसानदायक
डॉ रचना दुबे ने बताया कि भारत में गर्भपात के मामलों में पिछले सालों में तेजी से वृद्धि हुई है। खासकर बिना डॉक्टर की सलाह के आसानी से मेडिकल स्टोर्स पर मिलने वाली एबॉर्शन पिल्स की वजह से महिलाएं ये दवाई खाकर गर्भपात करवाना चाहती हैं, पर इसके बहुत सारे दुष्प्रभाव हो सकते हैं। एक तरफ जहां इससे गर्भपात करना आसान हो गया है, वहीं दूसरी ओर इसके अधिक प्रयोग से शरीर को कई नुकसान हो सकते हैं। इसमें सबसे ज्यादा चिंताजनक है, पीआईडी, इनकम्प्लीट एबॉर्शन और कैंसर होने की आशंका।
साइड इफेक्ट्स :
मेडिकल गर्भपात का तरीका मिसकैरेज से मिलता-जुलता होता है। गर्भपात के बाद महिला को कुछ दिनों तक गंभीर रक्तस्त्राव होता है। साथ ही पेट में ऐठन, दर्द और जी मचलाना, उबकाई, उल्टी, डायरिया, सिरदर्द बुखार, रेशेस, स्पॉटिंग या कई दिनों तक ब्लीडिंग जैसी समस्याएं भी होती हैं। कुछ महिलाओं में पिल्स लेने के बाद गर्भाशय मैं कुछ टीशू शेष रह सकते हैं जिससे लंबे समय तक ब्लीडिंग रह सकती है।
बार-बार गर्भपात से इंफेक््शसन हो सकता है जिससे पेडू में सूजन यानि पेल्विक इनफ्लेमेटरी डिसीज़ की आशंका बढ़ जाती है जो बांझपन का भी एक कारण हो सकता है।
सावधानियां :
1. एबॉर्शन पिल्स 9 हफ्ते से कम की प्रेगनेंसी में ही असरदायक होता है।
2. पिल्सश से कभी-कभी पूरी तरह गर्भपात नहीं हो पाता पिल्स लेने के दो हफ्ते बाद रुटीन चेकअप जरूर करवाएं।
3. अगर हृदय रोग, अस्थमा, डायबिटीज, एनीमिया या…अन्य बीमारी से पीड़ित हैं तो पिल्सय न लें। एचआईवी से ग्रस्त महिलाओं को भी ये पिल््स नहीं दी जाती।
4. अगर ठीक तरह से गर्भपात नहीं हुआ है तो ऐसे में इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है।
5. फेलोप्यन ट्यूब में किसी तरह का जख्म हो जाने से महिला का जख्म हो जाने से महिला का भविष्य में माँ बनना मुश्किल हो जाता है।
डॉ रचना दुबे ने सलाह दी कि ‘गर्भ से बचे के लिए गर्भनिरोधक संसाधनों का प्रयोग करें, गर्भपात से बचें। अगर गर्भपात करवाना जरूरी ही है, तो डॉक्टर की सलाह और देखरेख में ही गर्भपात करवाएं